बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय होगा

बीएसएनएल और एमटीएनएल का विलय होगा



सरकारी टेलीकॉम कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल का विलय होगा. बुधवार को आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिटन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया. इन दोनों कंपनियों की वित्तीय सेहत खराब हैं. सरकार ने इन्हें पटरी पर लाने का फैसला किया है.


दोनों कंपनियों की सेहत सुधारने की योजना


जब तक दोनों कंपनियों का पूरी तरह से विलय नहीं हो जाता है, एमटीएनएल बीएसएनएल की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी. सरकार ने दोनों कंपनियों की सेहत में सुधार करने के लिए चार कदम उठाने का फैसला लिया है.


सॉवरेन बॉन्ड से जुटाए जाएंगे 15,000 करोड़ रुपये


टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार दोनों कंपनियों को और प्रतिस्पर्धी बनाना चाहती है. इसके लिए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एसेट बेचकर भी 38,000 करोड़ रुपये का इंतजाम होगा.



4जी स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी सरकार


प्रसाद ने यह भी कहा कि 4जी स्पेक्ट्रम बीएसएनएल और एमटीएनएल को आवंटित किए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बहुत ही आकर्षक वीआरएस पैकेज ऑफर करने का फैसला किया है. इसके तहत 53 साल छह महीने की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारियों को वीआरएस का विकल्प दिया जाएगा. उन्हें 60 साल की उम्र तक सैलरी का 125 फीसदी, पेंशन और ग्रेच्युटी दी जाएगी.बीएसएनएल ने अब तक अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी है. सैलरी पर कंपनी का मासिक खर्च 850 करोड़ रुपये है. कंपनी के 1.76 लाख कर्मचारी हैं.